Rajeev Kumar
Rajeev Kumar 13 Nov, 2023
जगमगाया शहर
दीपों से जगमगाया शहर दुर का राही आज आया घर आज खाली जेब है तो क्या अपनेपन के एहसास से भरा है घर।ं हालांकि कम है मिठाइयों की मात्रा लेकिन प्रारम्भ है खुशियों की यात्रा दस गुनी एहसास कराती जीवनसाथी जीवन पथ पर उजाला, एक दिया और बाती। फट पड़ा है रौशनी का फब्बारा फुट पड़ा है खुशियों का गुब्बारा एक मन से दुजे मन तक बहती स्वछंद आपसी प्रेम की अमर प्रेम धारा।

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by rajeevkumar

13 Nov, 2023

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