Rajeev Kumar
06 Aug, 2022
मैं कविता हूँ
मैं कविता हूँ
भावों में ढलना और ढालना
मेरा जीवन है .
तुम्हारे विचार और व्यव्यहार
मुझे जीवन प्रदान करते हैं
तुम्हारे जीवन प्रत्यासा से
जीवंत होती हूँ
तुम्हारे अस्तित्वा से मेरा अस्तित्वा जिन्दा है
Paperwiff
by rajeevkumar
06 Aug, 2022
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