Rajeev Kumar
Rajeev Kumar 21 Aug, 2022
किस क्षण
संधया बेला की सौम्य तरंगों में गुंजायमान है किसकी प्रीति किसकी स्वर्णिम आभा से प्रदीप्त होगी मेरे मन की संकीर्ण - विदीर्ण प्रकृति लोचन , लोचन का सौम्य रसपान करेंगी जीवन के किस क्षण किस क्षण मिलेगा जीवन दान .

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by rajeevkumar

21 Aug, 2022

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