Rajeev Kumar
Rajeev Kumar 20 Oct, 2022
जीवन
जीवन की आपाधापी में संतोष स्वीकृत असंतोष तज्य. मन का कोलाहल सिंहासनारूढ़ सुख समृद्धि घ्येय मूल सफलता का आकाश पहुँच से परे बना उसी को जीवन संग्राम मन के कोलाहल का पूजा .

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by rajeevkumar

20 Oct, 2022

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