प्रेम
किसी से तुमने मुहब्बत की, किसी ने तुमसे मुहब्बत की
मुहब्बत की यही रही है दास्तां,
वफा तो तुम कर न सके और बेवफाई को जता रहे।
ताउम्र अपनी शायरियों में वो यही बयां कर रहे थे
जिक्र केवल अपनी वफा का था, अपनी बेवफाई को छिपा रहे थे।
Paperwiff
by rahulbansal