""ये क्या सुमित, राधा दीदी का फोन था तुमने उनको फेसबुक पर ब्लॉक कर दिया।""-रिया ने अपने पति से कहा
"हाँ!वैसे भी तुम्हारी बहन कौन सा मेरे पोस्ट पर लाइक, कमेंट ही करती है?" फ़ेसबुक देखते हुए सुमित ने कहा
"सुमित तुम हद करते हो, इस फेसबुक के चक्कर मे तुम किस किस से रिश्ते खराब करोगे।आधे से ज्यादा रिश्तेदारों को तुम ब्लॉक कर चुके हो।"-रिया ने कहा
"ह्म्म्म!" सुमित ने कहा
"हम्म क्या कर रहे हो? जवाब दो, मैं तुमसे बात कर रही हूँ।" -रिया ने कहा
"अरे!यार तुम जाओ यहाँ से, मुझे तुम्हारी फालतू की बातों में कोई इंटरेस्ट नही समझी" सुमित ने कहा
एकदिन ये फेसबुक के चक्कर मे तुम बहुत बुरे फंसोगे। समझे तुम देख लेना। तुम इस फेसबुक के लाइक, शेयर, कमेंट के चक्कर मे जो आधे से ज्यादा रिश्तेदारों, आसपड़ोस को ब्लॉक कर चूको हो ना। तो उनको अनब्लॉक करके रिश्ते सुधारो समझे। वरना एक दिन ये फ़ेसबुक का नशा तुमको बहुत भारी पड़ेगा तुम देख लेना। समझे, ये फेसबुक वाले तुम्हारे फॉलोवर काम नही आएंगे। गुस्से में बड़बड़ाती हुई रिया वहाँ से चली गयी।
"हाँ जाओ जाओ तुम ,तुम्हारे घर वाले ,बाकी सब मुझसे जलते है क्योंकि उनके इतने फ़ॉलोअर्स जो नही। फ़ोटो पर 2 या चार कमेंट आये बस।" सुमित ने हँसते हुए कहा
रिया सुमित की फ़ेसबुक की लत से बहुत परेशान थी। वो हर रोज छोटी से छोटी चीजे भी फेसबुक पर शेयर करता। और जो कोई भी तुरंत लाइक या कमेंट ना करता उस इंसान को ब्लॉक कर देता। खाने से लेकर चाय तक और शर्ट की कलर से लेकर ऑफिस जाने तक लॉगिन लॉगआउट शेयर का गेम खेलता रहता।बार बार चेक करना कि किसने लाइक किया तो जवाब में वो भी लाइक करेगा। किसने कमेंट किया तो जवाब में वो भी कमेंट करेगा।
अगले दिन रविवार सुमित के दोनों बेटे आपस मे कैरम खेल रहे थे। तभी सुमित भी वहाँ आकर बैठ गया। पापा को देखकर बच्चे भी खुश हो गए। उन्होंने खुशी से पूछा कि "पापा आप भी हमारे साथ खेलोगे आज। "
हाँ हाँ क्यों नहीं। रिया यहां आना जरा हमारी फ़ोटो तो निकलना एक साथ। रिया ने फ़ोटो क्लिक की तो सुमित ने रिया को भी वहाँ बैठने के लिए बुलाया। रिया खुश हो गयी| कि भला फेसबुक को छोड़ा तो सही| की तभी रिया और बच्चों के साथ फोटो खींच कर सुमित वहाँ से उठ गया।
और फ़ेसबुक परफोटो अपलोड कर दी कैप्शन के साथ
संडे मस्ती बच्चो के साथ, हैप्पी सन्डे, एंजोयिंग संडे विथ फैमिली। और उस पर आए हुए कमेंट और लाइक देखकर खुश होता और उन की गिनती शुरू कर दी। रिया ने अपने सिर पर हाँथ रखते हुए कहा"हाय!रे फ़ेसबुक का नशा।""
इधर बच्चे थोड़ी देर के लिए उदास हुए। लेकिन रिया के समझाने पर खुश होकर आपस मे खेलने लगे।
कुछ दिनों बाद रिया ने महसूस किया कि सुमित कुछ परेशान था लेकिन कारण पता नही चल रहा था दोस्तो से पता चला कि किसी ने फर्जी एकाउंट बनाकर के सुमित के एकाउंट से पैसे निकाल लिए। इसी चिंता में बाइक चलाते वक्त सुमित का फोन रिसीव करने में बैलेंस बिगड़ा और उसका एक्सीडेंट हो गया।
रिया को अनजान नंबर से फोन आया। फोन पुलिस का था जिसने सुमित के एक्सीडेंट की जानकारी रिया को दी।रिया भागती हुई अस्पताल पहुंची। तो देखा कि रिया का भाई वहाँ पहले से मौजूद था पता चला कि फ़ेसबुक पर लाइव होने की वजह से एक्सीडेंट सबने लाइव देख लिया।
डॉ ने बताया अच्छा हुआ जान बच गयी कोई मेजर इंजरी नही हुई। सिर्फ पैर ही फैक्चर हुआ है और सिर में टांके आये है। सड़क पर किसी ने भी सुमित की मदद नही की। सुमित बीच सड़क पर तड़प रहा था और आसपास मौजूद भीड़ उस की मदद के बजाय वीडियो बना रही थी। सुमित हेल्प , हेल्प चिलाये जा रहा था।
भाग्यवश रिया का भाई मौके पर पहुंचा और सुमित को अस्पताल लेकर गया।
होश में आते सुमित को सारी चीजें याद आने लगी। की कैसे वो तड़प रहा था और लोग वीडियो बनाने में व्यस्त थे उसने रिया को सारी बात बतायी। और वादा किया कि अब कभी भी फेसबुक का पागलपन अपने सिर नही चढ़ने देगा.ना ही हर छोटी से छोटी चीज को स्टेटस पर अपडेट करेगा।
घर आने पर बच्चो ने कहा"पापा आपके प्लास्टर की फ़ोटो लेकर फ़ेसबुक पर स्टेटस अपडेट करनी है क्या।
सुमित ने कहा ""नही बच्चों अब मैं अपने मन के स्टेटस को अपडेट रखूंगा चेहरा के स्टेटस को नही।""
और बच्चो को गले लगा लिया।
दूर से इस प्यारे नजारे को देखती रिया अपने निगाहों के कमरे से फ़ोटो खींच कर मन की यादों में सेव कर रही थी।
दोस्तो कहानी का सार सिर्फ इतना है कि किसी भी चीज का व्यक्ति को आदती नही होना चाहिए। साथ ही परिवार के साथ क्वालिटी समय भी बिताए।हर छोटी से छोटी चीज की जानकारी को फेसबुक पर साझा करने से बचें।"
कहानी पसन्द आये तो लाइक शेयर कमेंट करे। मुझे फॉलो भी करे।
धन्यवाद
रागिनी
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बहुत खूब
Very nice story👍👍
Please Login or Create a free account to comment.