तू चल, तू बढ़, तू निकल,
कर रहा है, तू किसका इंतजार,
आएगा न तेरा कोई मददगार,
तू है तो बस तेरे हवाले ।।
तुझे आगे है बढ़ना,
इस कठिन राह पर है चलना,
जब तू एक कदम बढ़ाएगा,
हो सकता है, अगला तेरा साथ निभाएगा।।
तूने जो 'लक्ष्य' है साधा,
पाने के लिए उसको, करना पड़ेगी पार हर बाधा,
बस तुझे ढूंढना है, तेरा 'आत्म-विश्वास' ,
इसके सहारे हर मुश्किल से हो जाएगा तू पास।।
तुझे क्यों है, किसी का डर,
जब तेरे साथ है, स्वयं 'ईश्वर' ,
केवल तेरे चलने की है देरी,
कामयाबी तो अगले पड़ाव पर है ठहरी।।
बस रखना तू इतना ध्यान,
जब हासिल हो जाए मुकाम,
तू कभी 'घमंड' ना करना,
वरना मुश्किल हो जाएगा,
तेरा 'शिखर' पर टिकना।।
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