"प्रीति कैसी हो?मेक इन इंडिया और मेड इन इंडिया पर लेख लिख लिया?"-रिया ने पूछा।
"बस अच्छी हूँ।मुझे तो समझ ही नहीं आ रहा मेक इन इंडिया और मेड इन इंडिया।मैं अपनी दुकान देखने गई थी।"-प्रीती बोली।
"अच्छा कितनी दुकान हैं तुम्हारी?"-रिया ने पूछा।
"दो दुकाने हैं।खाली पड़ी हैं।सोच रही हूँ एक दुकान में मैं बुटीक खोलकर खुद बैठूँ और दूसरी दुकान पर कॉफी कॉर्नर खोल दूँ।"-प्रीति ने कहा।"यह तो बहुत ही अच्छी बात है।अब तो तुम्हें जल्द ही मेक इन इंडिया और मेड इन इंडिया समझ आ जायेगा।"-रिया ने हँसते हुए कहा।
"अच्छा!वह कैसे?"-प्रीति ने आश्चर्य से कहा।
"देख जिस दुकान में तुम बैठोगी वहां तुम स्वयं उपस्थित रहोगी।माल देखोगी।एक दो हेल्पर भी लगाओगी।तुम्हारा पैसा लगेगा।तुम मशीन का उपयोग भी करोगी।तुम अपने काम में दक्ष हो जाओगी।यही मेड इन इंडिया है।"-रिया ने समझाते हुए कहा।
"अरे वाह यह तो बहुत सरल है।मेक इन इंडिया क्या है फिर।"-प्रीति ने जिज्ञासा से पूछा।
"अच्छा एक बात बता कॉफी शॉप कैसे चलाओगी?"-रिया ने पूछा।
"दूसरी दुकान को एक आंटी को दूँगी वह अमेरिका से भारत आईं हैं।वह वहां कॉफी शॉप खोलना चाहती हैं।इसलिए उन्हें किराए पर दूँगी।"-प्रीति ने सरलता से कहा।
"क्या वह मशीनरी, श्रमिक बाहर से अपने साथ लायेंगी?"-रिया ने और जानने की इच्छा से पूछा।
"नहीं, वह सब भारत में ही है न।सब चीज उनको यहां मिल जायेगी।दुकान,श्रम,मशीनरी, कच्चा माल।"-प्रीति ने विस्तार से रिया को बताया।
"बस यही जो तुम्हारी दुकान जो आंटी कॉफी शॉप खोल रही हैं यही तो मेक इन इंडिया है।"-रिया हँसते हुए बोली।
प्रीति आश्चर्यचकित बोली-"रिया तुमने तो मेरी दुकान की उदाहरण से कितनी सरलता से दोनों मेड इन इंडिया और मेक इन इंडिया को समझा दिया।"
अच्छा अब जल्दी से दोनों में अंतर लिखकर पेपरविफ़ में लेख डाल दो।आज प्रतियोगिता का अंतिम दिवस है।
@राधा गुप्ता पटवारी
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