काश! तू बचपन फिर लौट आ

बीती बचपन की याद

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Radha Gupta Patwari 'Vrindavani'
Radha Gupta Patwari 'Vrindavani' 20 Feb, 2021 | 1 min read
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काश! तू बचपन फिर लौट आ,

ना कोई फिकर न कोई चिंता,

बस अपने में बेसुध अलमस्त,

न हार का दुख न जीत का जश्न, 

ढे़र सारा मासूम सा अपनापन,   

            काश!तू बचपन फिर लौट आ,

            छोटी-छोटी यूँ बातों पर लड़ना

            फिर लड़कर एकाकार हो जाना,

            न खोने का डर न पाने की चिंता,

            हरेक को अपना समझने की चेष्टा,

काश! तू बचपन फिर लौट आ,

माँ का आँचल औ पिता का साया,

सोचते थे यही घरौंदा है अपना,

पर वह तो अब बन गया सपना,

पर अब नया घर नये रिश्ते हैं।

                * राधा गुप्ता वृन्दावनी*


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