On my B'day I have only one wish to Sri Bankey Bihari g...
"मैं एक रोज इस जहां से रूखसत हो जाऊँगी।
लफ्जों से सभी के दिलों में जिंदा हो जाऊँगी।।
किसी किताब किसी अखबार में नजर आऊँगी।
कहीं मंच तो किसी के भावों में गाई जाऊँगी ।।
मंजिल पर धीरे धीरे ही सही पहुंच ही जाऊँगी।
अपने हौसलें और इरादों को डिगा न पाऊँगी।।
कलम को न रूकने दूँगी न स्याही सूखने दूँगी।
जिन्दगी को एक नई परिभाषा से संवार दूँगी।।
बस बिहारी जी एक छोटी सी अर्जी लगाऊँगी।
'वृन्दावनी' अपनी कलम को तुमको ही थमाऊँगी।।
ी
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