"का भयो? आजकल टीवी बंद करके कैसे पड़े भये हो। समाचार-बमाचार ना सुन रह्ये?"- रमेश जी ने विमल ते कही।"का सुननो है। सुबह ते शाम एकई खबर आये रई है। अब तक तो कोरोना कोरोनाए मची थी पूरे चैनलन में और अब करोना को का हाल है,कछु न पतो।"- विमल ने तकिया रमेश को देते भई कही।
"जै बात तौ है।दूसरो चैनलने लगाओ तो वई न्यूज। शाम के वक्त तौ जो बहस हैवे तो ऐसो लगे है जैसे लाठी-डंडा न चल जावें कहूँ।"-रमेश जी ने मोबाइल जेब ते निकालते भई कही।
"अच्छो अखबार में आई है कि 2020 तक दुनिया खत्म हैवे बारी है।"-विमल जी ने हैरानी ते कही।
"मोबाइल में तुम्हें एक मैसेज भेजो पढ़्यो का?"-रमेश जी ने विमल ते पूछी।
"हाँ नौ नंबर डिजिट डायल करवे ते मोबाइल फट जाये है। विज्ञान ने कित्ती तरक्की करी है ।"-विमल ने हैरान हेते भई कही ।
तब तक विमल को छोरो आयुष आए गयो। दौनन की बात सुनकर वो पहले खूब हँसो और बोलो-" पापा और काका, कौन की बात लैके बैठ गए। जे मीडिया को जमानो है। आधो झूठो और आधो सच दिखावे हैं। न तौ 2020 में दुनिया खत्म है रही न कोई नौ नंबर के डिजिट से मोबाइल फट रह्यो है।
आयुष की बात सुनकर दोनों मित्र खूब देर हँसते रहे और सोचवे लगै जे मीडिया का स्तर कितनो निम्न है गयौ है। भोरी भारी जनता इनकी बातन में आ जावे है। अब सरकार को मीडिया के ताईं कोई कड़ो कानून बनानो पड़ेगो जाते भ्रामक खबर न भले।
धन्यवाद
राधा गुप्ता पटवारी 'वृन्दावनी'
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Mazedaar
Thanks dear
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