रिश्ते वो अनमोल खजाना हैंं जो समय के साथ और बढ़ता जाता है गहरा होता जाता है।पुराने समय में रिश्ते सहेज के रखे जाते थे।समाज भी इन रिश्तों को धन से ज्यादा अहमियत देते थे।लोगों का मानना था धन आता जाता रहता है,फिर कमाया जख सकता है पर रिश्ते अनमोल होते हैं।एक बार जाने पर दुबारा नहीं मिलते। इसलिए लोग अपने रिश्तों को सहेज कर रखते थे।
आधुनिक समय में रिश्तों से ज्यादा महत्व पैसों को दिया जाता है।जिस इंसान के पास बहुतायत मात्रा में धन होता है उसे सब अपना बोलने लगते है,उससे रिश्तेदारी निकालने लगते हैं इसके उलट जो इंसान धनहीन होता है उससे अपने सगे भी मोड़ लेते हैं।
रिश्तों की बनाबटीपन की बिडंबना आज के परिवेश मेंं देखिए कि रिश्ते सिर्फ़ अब मोबाइल पर चल रहे हैं।रिश्तों में अब वो गर्मजोशी नहीं रही जो पहले रिश्तों में हुआ करती थी।आज जो रिश्ते हैं वह सिर्फ़ कहने भर के हैं।किसी के दुख तकलीफ़ में कोई खड़ा नहीं होना चाहता।
यह एक चिंताजनक विषय है।हम क्यों इतने आगे बढ़ गये कि सभी रिश्तों को दरकिनार कर दिया है।अब भी वक्त है हम धरातल में आकर रिश्तों का मोल समझें।
धन्यवाद
राधा गुप्ता'वृन्दावनी'
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.