छोरी भी छोरा ते कम नहीं

बृजभाषा में नर्स और दादी का संधब के विषय में बताया गया ओ

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Radha Gupta Patwari 'Vrindavani'
Radha Gupta Patwari 'Vrindavani' 08 Oct, 2020 | 1 min read

"का भयो है? कछु मोइए बताओ।"-माधुरी जी ने नर्स ते पूछो।

"का भयो है? जे पूछो गजब भयो। टेस्ट कैसे फेल है सके है। छोरी भई है।"- माधुरी के छोरा विवेक ने कही।

"हैं रे! नर्स बहन, ऐसे कैसे है सके? टेस्ट करवायो तो वा वक्त तो छोरा दिखा रौ हो। फिर छोरी कैसे भई? या तो टेस्ट करवे वारी डॉक्टर ने गलत टैस्ट करो है या तुम सबने छोरा कूँ छोरी में बदल दियो है।"- माधुरी जी ने कही।

नर्स जे सुनकर चेतावनी देती भई बोली-" कैसी हो आप मैया और तुम कैसे पति हो! तुम्हारी पत्नी और बहु ने जीवन और मौत ते लड़कर तुम्हारे वंश कूँ पैदा कियो है। माँजी आप भी तो काऊ की छोरी रही हेंगी। अगर वा वक्त तुम्हारे माताजी ने तुम्हें न जनम दियो हेतो तो क्या आप यहां खड़ी होतीं। अब आप ही बताओ अगर आप न होतीं तो आपको छोरो भी यहाँँ न होतो और तो और जा डॉक्टर ने डिलीवरी करी वह भी तो एक महिला है और मैं भी तो एक महिला हूँ । जामें कौन सी आफत है गई अगर छोरी है गई तो।"

जे सुनकर माधुरी जी को छोरो हाथ जोड़ते भयो बोलो-" बहनजी आप ठीक कह रही हैं। आज के समय मेंं चाहें छोरा हो छोरी दोनों बराबर है।आपने हमारी आँख खोल दई।"

जे कहके दोनों अपनी पोती को देखन को भीतर चल दिए।

धन्यवाद

राधा गुप्ता 'वृन्दावनी'


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Radha Gupta Patwari 'Vrindavani'

radhag764n

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