ना से हाँ की ओर

साकारात्मक भरी कविता

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Radha Gupta Patwari 'Vrindavani'
Radha Gupta Patwari 'Vrindavani' 22 Feb, 2021 | 1 min read
1000poems

गिरते हैं चलते हैं

पर फिर सौ-सौ बार गिर-गिर के संभलते हैं।

जिन्दगी है मुश्किल है

पर फिर भी कई बार रो-रो के हँसते हैं।

जीते हैं मरते हैं

फिर सौ-सौ बार निराशाओं में भी आश जगाते हैं।

मुश्किल हैं मंजर है

पर फिर सौ-सौ कठिनाइयों को भी सरलता से नाप जाते हैं।


-वृन्दावनी

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Radha Gupta Patwari 'Vrindavani'

radhag764n

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