Radha Gupta Patwari 'Vrindavani'
06 Dec, 2020
बढ़ते कदम
कदम अपने आप बेहिसाब बढ़ते चले गए,
मानों मंजिल मुसाफिर को पुकारती हो।
न धूप देखी,न बरसात देखी,न ही थकान,
बस एक बार मंजिल हासिल हो जाए,
तो बस इस दिल के अरमां पूरे हो जाऐं।।
Paperwiff
by radhag764n
06 Dec, 2020
#बढ़तेकदम
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