वृन्दावन के वृक्ष को मरम न जाने कोए।
डाल-डाल और पात-पात पे राधे राधे होए।।
पूरे बृजमंडल में वृन्दावन हृदयस्थली मानौ जाए है।वृन्दावन माने तुलसी को जंगल।पुराने समय में वृन्दावन में खूब तुलसी को वन हो जा वजहें ते याको नाम वृन्दावन पड़ो।वृन्दावन में बहुत खूबसूरत मंदिर हैं।वृन्दावन कूँ मंदिरों की नगरी कहो जाए है। चलौ वृन्दावन के प्रसिद्ध मंदिरन के दर्शन करावे हैं-
1-बाँके बिहारी जी को मंदिर-जे वृन्दावन को बहोत प्रसिद्ध मंदिर है।इनके दरशन के बिना वृन्दावन की यात्रा अधूरी मानी जाए है।संगीत सम्राट स्वामी हरिदास जी ने अपनी भजन सेवा ते बिहारी जी महाजन को प्रकट करो हों।
2- निधिवन-जे वा जगाह है,जहां बिहारी जी महाराज प्रकट भये।यहां रात कूँ कोई पशु पक्षी नाए रुक सके।यहां जे मान्यता है आज हूँ राधा-कृष्ण यहां रास रचावे आयो करे हैं।
3-श्रीराधादामोदर मंदिर- यह मंदिर अति प्राचीन है।य
मान्यता है कि यहां मंदिर की चार परिकम्मा करवे ते गोवर्धन की परिकम्मा करवे को फल मिले है।
4-इमलीतला मंदिर-जे अति प्राचीन मंदिर है।चैतन्य महाप्रभु बंगाल ते आकर यहींं इमली के पेड़ के नीचे समाधि करो करते।
5-अंग्रेज मंदिर-जे मंदिर इस्कॉन के नाम ते जानो जाए है।यहां अंग्रेज गेरूआ वस्त्र में रहके ठाकुर की सेवा करे हैं।
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राधे राधे
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