बृज चौरासी कोस यात्रा बृज ते सम्बंधित है।पूरो बृज मंडल चौरसी कोस मेंं फैलो है।कोस को हम ऐसे मापे हैं।एक कोस में ३ किलोमीटर होवे हैंं।जासों हम हिसाब लगाये सके हैं कि 84 कोस मतलब 225कलोमीटर में बृज पसरो है।बृज चौरासी कोस की यात्रा मेंं मथुरा,बरसानों,वृन्दावन, गोकुल आदि शहर शामिल हैं।तथा जा यात्रा के अनतर्गत बारह प्रमुख वन भी शामिल हैवे हैं।
समस्त बृज स्थल भगवान कृष्ण की क्रीड़ा स्थल रह्यौ है जा वजह ते ई जा बृज भूमि कौ और महत्व बड़ जावे है।यहाँ चौरासी कोस में बहुत विचित्र बस्तुऐं देखवै को मिलैंगी।ऐसो लगेगो जैसो स्वयं भगवान कृष्ण हम सब के बीच में आए गये हैं।
बृज में इतकूँ जमना मैया हैं तो उतकूँ गिर्राज पर्वत है।बृज यात्रा में आपकूँ ऐसो ऐसो अनुभव हैयेगो कि आप खुद ही जे महसूस करोगे कि यहां साक्षात ठाकुर बाँके बिहारी रहवें हैं।
बृज यात्रा बृज की प्राचीन यात्रा मानी जावे है।जो जा यात्रा कूँ कर ले तो वा धन्यय मानो जातो है।
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