अधूरी ज़िन्दगी सी रह गयी, मेरी ज़िन्दगी |
सोचा था मैने ,बनाऊगी एक महल,
सपने सी रह गई मेरी ज़िन्दगी, अधूरी ज़िन्दगी ||
कहॉ रह गई किधर गई, भटक गई मेरी ज़िन्दगी, अधूरी ज़िन्दगी |
जीने की तमन्ना थी मुझे, बीच राह में छोड़ गए वो मुझे ,
रह गयी अधूरी मेरी ज़िन्दगी, अधूरी ज़िन्दगी ||
सपना साकार न हो सका ,गुनगुनाना भी छोड़ दिया,
जैसी की तैसी रह गई मेरी ज़िन्दगी, अधूरी ज़िन्दगी ||
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
सुंदर रचना
बहुत ही यथार्थ को परिपुष्ट करती लाजवाब रचना आदरणीया
Very nice
Please Login or Create a free account to comment.