Priyanka sagar
Priyanka sagar 25 Sep, 2020
बनल रह
बनल रह💥💥💥💥💥 सुबह की बेला.....। छत पर सूरज का आगमन एक लोटकी जल ले पहुँची। छत से नजर आई "वो औरत" मेरी नजर उस नजर से मिली। मुझे कुछ समझ न आया। कुछ हिचकिचायी- सी , कुछ घबड़ायी हुई- सी। मेरी नजर उसी तरफ गई। जिधर "वोऔरत"खड़ी हैं। मैंने कुछ ना सोचा ना समझा बस दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम कर मुसकुरा दी। "वोऔरत"वहीं से अपने दोनों हाथों को उपर कर🙌 "बनल रह"कहखिलखिला दी। 💥💥💥💥💥💥💥💥

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by priyankasagar

25 Sep, 2020

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