खुद को खोकर जी का घर सजाने चली, अपने सपनों को भूल कर किसी का सपना सजाने चली। अब बेटी के साथ- साथ बहू और पत्नी भी बन गई। जिम्मेदारियां ऐसी आई कि खुद को तराशना भी भूल गई,
एक और नए नाम का लिबास पहनकर अब वह मां कहलाई। अपने हर अधूरे सपने को पूरा करने की आस अपने बच्चों में नजर आई। कुछ गलत किया क्या -2 उसने जो यहां भी धोखा खाई। नहीं चाहती कि जो उसने सहा अब उसके बच्चे सहे इसीलिए शायद बच्चों के साथ कुछ सख्त नजर आई।
खुद को खोकर हां खुद को खोकर अब वह पहले से भी कमजोर नजर आई।।
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