वह चिड़िया

I poetry on birds struggle

Originally published in hi
Reactions 0
331
AnveshaRathi
AnveshaRathi 02 May, 2022 | 1 min read

कौन है वह चिड़िया

कभी अपनी उड़ान से पूरा आसमा भर देती,

कभी अपने चहचाने से कुदरत को सुहाना बना देती ,कभी कुदक-फुदक के पेड़ों को रंगीन बना देती,

तो कभी मेहनत से तिनका ला ला कर घोंसला बना देती है, कभी ना होता इनके परिश्रम का अंत क्योंकि परिश्रमी तो है इनके जीवन का अंग।

चाह है इनकी क्षितिज तक उड़ान भरने की,

बस इसी चाह में अपने दिन की शुरुआत एक लंबी आहा सेकरती,

मत करो इन की स्वतंत्रता का हनन; मत करो उन्हें यूं ही पिंजरे में कैद,

उड़ने दो उन्हें इस खुले गगन में; जैसे तुम उड़ना चाहते हो अपने ही मन में।

मत बनो प्रगति की राह पर इतना आगे, की सौदा करना पड़े एक नन्ही सी जान के आगे। क्योंकि जान बराबर है उसमें और हमे मे,

यह बात आज हमको समझ नहीं होगी, यह संकल्प आज हमें लेना होगा की सम्मान करेंगे भगवान की हर एक रचना का।

इसलिए इस भीषण गर्मी में रखना छत पर दाना और पानी -2


धन्यवाद

0 likes

Published By

AnveshaRathi

priyankarathi

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.