AnveshaRathi
AnveshaRathi 03 Aug, 2022
ओस
पत्तों पर टपकती बूंद सा , जैसे जिंदगी में नई उम्मीद सा, जैसे चांद रात भर रोया था, फिर सूरज की चमक से सूखा सा, मेरी कल्पना नहीं, यह कुछ ओस की बूंद ही हूं

Paperwiff

by priyankarathi

03 Aug, 2022

ओस

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