AnveshaRathi
14 Nov, 2022
सुन गुड़िया
जरूरी है क्या जिस रेस का हिस्सा सभी साथी है तेरे, मेरी गुड़िया भी उसी भीड़ में दौड़े; माना मुश्किल है-2 उस दौड़ में अपनी पहचान बनाना; पर तेरी मेहनत, ईमानदारी और निष्ठा तुझे उनसे अलग बनाती है। कैसे समझाऊं तुझे जरूरी नहीं हाथ में अभी उतना मोबाइल हो जितना जरूरी ही नहीं। शायद यही दो पीढ़ियों का अंतर है जो माता-पिता समझा नहीं पाते और बच्चे समझ नहीं पाते। आज समझ में आया यह बरसों पुरानी उलझन है। गुड़िया तू बड़ी खास है और सबसे समझदार पर मन को मैं समझाऊं कैसे, और तुझे भरोसा दिलाऊ कैसे?
Paperwiff
by priyankarathi
14 Nov, 2022
सुन
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