AnveshaRathi
AnveshaRathi 17 Aug, 2022
चतुराई
बुन लेती है अपने आसपास अपने विचारों का ही जाल; उलझी- उलझी और उलझती चली जाती है।पर बड़ी चतुराई से स्वयं को निकाल लाती है बाहर। एक स्त्री अपनी ही नहीं अपने से जुड़े हर एक रिश्ते की परवाह करती है जनाब

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by priyankarathi

17 Aug, 2022

चतुराई

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