युवा पीढ़ी और सिंगल पैरंट

#i challenge you #article 3

Originally published in hi
Reactions 0
1433
Priyani verma
Priyani verma 17 May, 2020 | 1 min read

माता या पिता में से किसी एक की अकाल मृत्यु अथवा जीवन में कई बार आपसी मतभेद के कारण माता पिता के बीच तलाक हो जाता है, उस परिस्थिति में बच्चों की कस्टडी किसी एक के पास आ जाती है, और बच्चों को माता या पिता मे से किसी एक का साथ ही नसीब होता है ।

जिससे उन्हें जीवन में कई समझौते करने पड़ते हैं। क्योंकि बढ़ते बच्चों को माता और पिता दोनों की परवरिश की आवश्यकता होती है ।

सिंगल पेरेंट्स के सामने आने वाली परिस्थितियों के अनुसार जरूरतें बदलती रहती है ।सिंगल पेरेंट के बच्चों का आत्मविश्वास कम होता है।

माता या पिता अकेलेपन के दौरान बच्चों का सहारा लेते हैं जिससे कभी-कभी वह समय के पहले ही मैच्योर हो जाते हैं ,उनका जीवन को देखने के प्रति रवैया बदल जाता है, उनका दृष्टिकोण नकारात्मक हो जाता है ।

कभी-कभी आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है जिसके कारण वे अपने आप को हीन भावना से भी ग्रस्त कर लेते हैं इसलिए कभी भी बड़ों को अपनी भावनात्मक समस्या या पैसों के मुद्दों पर चर्चा युवाओं से नहीं करनी चाहिए।

0 likes

Published By

Priyani verma

priyanivurls

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.