नमस्कार आप सभी को,
कैसे हैं आप सब ,
आशा करती हूं आप सब भी अच्छे होंगे।
मेरा नाम प्रिया अग्रवाल है,
जैसे के आज हम दीपावली का पावन पर्व मना रहे हैं,
पेपरविफ की पूरी टीम को और आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएं।
चलो अंधकार है जहां वह रोशनी के दीपक जलाते है,
इस दीपावली कुछ नया हम कर जाते है,
तन को तो सभी स्वच्छ रखते है,
आओ हम मन को भी स्वच्छ बनाते है।
मेरी आज की रचना इसी पर आधारित है,
शीर्षांक है
।। मन की स्वच्छता ।।
दीपावली यानी खुशियों का त्योहार,
दिल से दिल मिलाने का त्योहार,
चलो इस दीपावली दिल से दिल मिलाते है,
मन मैं कुछ है अगर एक दूसरे को बतलाते है,
कोई राग- द्वेष ना रखे इस मन में,
आओ इस दीपावली मन की स्वच्छता में हाथ बटाते है।
मन से मन के तार जोड़ हम लेते हैं,
सारे गीले शिकवे ,छोड़ हम देते हैं,
सब खुशी-खुशी हम दिल से बतलाते हैं,
आओ इस दीपावली मन की स्वच्छता में हाथ बटाते है।
ना ही कोई गरीब, ना ही कोई अमीर है यहां,
अपने है सब ,कोई गैर नहीं यहां,
चलो अपनो को गले लगाकर ,
मन में खुशियों के दीपक जलाते हैं।
आओ इस दीपावली मन की स्वच्छता में हाथ बटाते है।
ये कोई एक दिन का काम नहीं,
सालो की जमीं, ये धूल की परतें है,
चलो संग मिलकर इन परतों को साफ हम कर लेते हैं,
इस दीपावली यही नई एक पहल हम कर लेते हैं,
आओ इस दीपावली मन की स्वच्छता में हाथ बटाते है।
शुक्रिया
🙏
प्रिया
Instaid@priyaaggarwal2908
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