आदिगुरु श्री गुरु नानक देव

भाईचारा मानव के स्वभाव में होना चाहिए!

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prem shanker
prem shanker 11 Dec, 2020 | 0 mins read
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भाईचारे का धर्म है सिख सबको सिखाते चलो।

श्री गुरुनानक देव जी को शीश सब झुकाते चलो।।

जन्म इनका कार्तिक पूर्णिमा या प्रकाश पर्व है।

संपूर्ण संसार को महागुरु बाबा नानक पर गर्व है।

सिखों के महान संतों की गाथा तुम गाते चलो।

श्री गुरुनानक देव जी को शीश सब झुकाते चलो।।


लड़कर अंधविश्वास से समाज को जगाया तुमने।

अज्ञान मिटाकर फिर ज्ञान का दीपक जलाया तुमने।

अपने असीम ज्ञान से किया बुराई का संहार गुरु ने।

अपने ज्ञान से प्रभावित किया है सब संसार गुरु ने।

दया करुणा समता सद्भाव को तुम निभाते चलो।

श्री गुरुनानक देव जी को शीश सब झुकाते चलो।।


आदिगुरु! तुम्हें पाकर पावन हुई भारत की धरा।

तभी एक रंग एक रूप का समाज बनकर उभरा।

जिन्होंने ज्ञान से कर दिया क्षितिज तक चमन है।

ऐसे महान गुरु बाबा नानक को अनंत बार नमन है।

दीपक इनकी प्रेरणा का मन में तुम जलाते चलो।

श्री गुरुनानक देव जी को शीश सब झुकाते चलो।।

~ प्रेम शंकर "नूरपुरिया"/ ਪ੍ਰੇਮ ਸ਼ੰਕਰ "ਨੂਰਪੁਰਿਯਾ"

मौलिक स्वरचित

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