Premmani
Premmani 06 Mar, 2021
शायरी आहट
मेरे आने की आहट से जो सहर जाया करते थे। आज कहते हैं ,उन्हें दरकार नही अब मेरी। कसूर शायद मेरा है था,उनके साये को सांसे समझ बैठे।

Paperwiff

by premmani

06 Mar, 2021

#1000poem,shayari

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