दुनियां मनाऊं तो तुम होते हो ख़फ़ा
तुम्हारी बनूं तो दुनियां होती है ख़फ़ा ।
आंखो में है नमी , सांसों में है धुआं
कभी ख़्वाब मेरा कोई पूरा ना हुआ ।
वो राहों में छोड़ कर चले दिए यूं
ना जाने क्या हुई मुझ से ऐसी ख़ता ।
हो गया ग़र प्यार मुझे तुमसे , ये तो दिल
जाने, इसमें मेरी तो नहीं कोई ख़ता ।
इतने संगदिल तो ना थे तुम फिर
क्यों ना जाने समझ सके मेरी जफ़ा ।
दिल के अरमान दिल में ही दफ़न हो गए
प्यार की ये कैसी मिली है हमें सज़ा ।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
वाह
जी शुक्रिया 🙏
Please Login or Create a free account to comment.