आकाश खत्री उम्र 30 साल एक छोटा सा बेटा 4 साल का , अचानक आकाश को हार्ट अटैक आया और वो चल बसा ।
अब अन्तिम क्रिया क्रम तो सब बेटा ही करता है , और आकाश का बेटा चन्दन बहुत छोटा और प्रीमैच्योर होने की वजह से बहुत कमज़ोर, और उस पर दिसंबर की ठिठुरती ठंड ।
लेकिन रिश्तेदार सब यही कह रहे कि मुखाग्नि के बाद चन्दन नहा धोकर नीचे वहीं फर्श पर सोएगा , जहां आकाश को मुखाग्नि से पहले रखा गया था , और चौथे वाले दिन भी सुबह चार बजे उठकर श्मशान घाट पर भी जाना है ज़रूर ।
चन्दन की मां ने बहुत कहा कि मासूम बच्चा ये कैसे कर पाएगा , जबकि आकाश तो उसे नंगे पांव भी ज़मीं पर नहीं चलने देते थे , कहीं ठंड ना लगा जाए ।
लेकिन सभी रिश्तेदार रीति रिवाज का रोना रोते रहे ।
आखिर चन्दन को ये सब करना पड़ा । और वो इस ठिठुरती ठंड से इतना बीमार हुआ कि रीति-रिवाजों की बलि चढ़ गया , और एक औरत ने रीति-रिवाजों की आढ़ में अपना सब कुछ खो दिया ।
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