अकेले काटे नहीं कटती ये रातें तुम बिन
कैसे झेलूं ये सावन की बरसातें तुम बिन।
करवटें बदलती रहती हूं शब - भर
नहीं सुहाती ये चांदनी रातें तुम बिन ।
जीवन में मेरे ना कोई रंगिनियां रही
कोई रंग ना मुझको भाते तुम बिन ।
मेरी ज़िन्दगी के पूर्ण विराम हो तुम
आधे -अधूरे वाक्य बन जाते तुम बिन ।
सोचा था जी लेंगे हम बिन तेरे मगर
एक सांस भी तो नहीं ले पाते तुम बिन ।
तुम्हारी बेवफ़ाई ने तोड़ा है दिल मेरा ,
जीया नहीं जाता, मरते भी नहीं तुम बिन ।
जलाया दिल * प्रेम* का तुमने इस तरह कि
अब तो दिवाली परदिए नहीं जलाते तुम बिन ।
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