ए वक्त ज़रा ठहर जाने को क्यूं बेकरार हुआ जाता है
आएगा मुझसे मिलने जिसके दिल से मेरा नाता है ।
हो गया है प्यार मुझे उनसे इसलिए बेताब हूं मैं
प्यार में ही तो इन्सान दिल की बाज़ी लगाता है ।
हार बैठा हूं सब कुछ अपना मोहब्बत में उनकी
मोहब्बत में हार कर ही तो जीता जाता है ।
ना कोइ शिकवा-शिकायत , ना ही गिला किया
क्यों कि प्यार में तो हर कोई दर्द ही पाता है ।
आ जाओ अब तो सनम दमें-आखिर आ चुका
* प्रेम *का तुम बिन अकेले दिलबहुत घबराता है ।
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