सभी के जीवन में बहुत अहमियत रखती रोटी
सबके जीवन में सबसे अनमोल होती है रोटी ।
चाहे तुम खाओ सब्जी संग , चाहे खाओ नमक
संग , चाहे तो मिल जाए रूखी , बस मिले ज़रूर रोटी ।
अमीर के घर फालतु है बनती , बच जाती तो जाती कुड़े में
ग़रीब के घर तो पांच लोग हों तो खाने को होती चार रोटी ।
जब तक कोई ग़रीब मेहनत ना करें , जब तक किसान
ना अनाज पैदा करें , तब तक हमें कहां नसीब होती रोटी ।
जब पेट की क्षुधा लगाती है आग , तब कहां ये सूझता है
एक ग़रीब को कि क्यों वो कूड़े से भी बीन रहा है रोटी ।
कड़कती धूप में , हम बैठे हैं ए. सी. में तो ग़रीब चलता
नंगे पांव तपती सड़क पर , बस पाने को एक टुकड़ा रोटी ।
रोटी की कीमत पूछने कोई भूख से तड़पते बच्चे की मां से
तो चुन रही कूड़े के ढेर में , उसके लिए चीज़ नहीं छोटी ये रोटी ।
जितना चाहे हो धन- दौलत , नहीं सूझा सकता क्षुधा किसी
भूखे - तरसते बच्चे की , उसके लिए कभी छोटी नहीं होती रोटी ।
दौलत वाला खाएं सोने के थाल में , बिमारी खाएं अस्पताल में
*प्रेम * ना रह पाए रोटी के बिना , हर इन्सान मांगे बस एक रोटी ।
प्रेम बजाज
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Well written 👍
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