उपर वाला कमरा

उपर वाले कमरे का भेद

Originally published in hi
Reactions 0
443
Prem Bajaj
Prem Bajaj 21 Nov, 2020 | 1 min read

राजेश महरोत्रा एक नामी कपड़े के व्यापारी , मुम्बई में अच्छा बड़ा कपड़ों का शोरूम , इकलोता बेटा है साहिल , इसलिए उसकी हर ख्वाहिश पुरी की जाती ।

वो कुछ समय अमेरिका रहना चाहता है , इसलिए राजेश महरोत्रा उसे अमेरिका भेज देते हैं , यहां का बिजनेस राजेश जी देखते हैं , नौकरों की फौज तो है ही साथ में , बस इश्वर की कृपा से सब बहुत बढ़िया चल रहा है ।

आज लगभग एक साल होने को आया , राजेश जी बहुत परेशान हैं ।

कारण ..... उनके घर में एक लड़की राधा लगभग  18 --- 19 साल की काम करती थी , दिन-रात यही राजेश जी के घर पर ही रहती थी , बहुत नेक , मेहनती और अच्छी लड़की थी ।

ना जाने क्या हुआ एक दिन उसने आत्महत्या कर ली । तब से राजेश जी बहुत परेशान हैं कि राधा ने आत्महत्या क्यों की ।

जिस समय सुबह-सुबह आ के राजेश जी की बीवी रश्मि ने आकर बताया कि राधा ने आत्महत्या कर ली , राजेश जी हड़बड़ा कर उठे और सबसे पहले उन्होंने पुलिस को फोन किया , और थोड़ी ही देर में पुलिस आ गई और तहकीकात शुरू हो गई , लेकिन अभी तक राधा की आत्महत्या का मामला सुलझा नहीं ।

राजेश महरोत्रा का आलीशान घर , तीन बैडरूम वाला , उपर दो कमरे बने हैं , पीछे बैकयार्ड में सर्वेंट क्वार्टर हैं । एक क्वाटर में एक परिवार रहता है ।

राधा के माता-पिता कहीं दूर गांव में रहते हैं , वो राजेश जी के घर पर रहती है इसलिए अकेली होने की वजह से उसे क्वाटर में नहीं रखा गया , उसे रहने को उपर वाला कमरा दे दिया गया ।

रोज़ सुबह-सुबह 6 बजे राधा आकर रश्मि को चाय देती थी , लेकिन उस दिन सूरज सर पर चढ़ आया सात बज गए चाय नहीं आई , तो रश्मि ने राधा को आवाज़ लगाई , लेकिन कोई उत्तर ना पाकर रश्मि उपर उसे देखने चली गई कि आज तक ऐसा नहीं हुआ , कि राधा इतनी देर तक सोती रहे , शायद तबीयत ख़राब हो ।

जाकर दरवाजा खटखटाने लगी तो देखा दरवाजा खुला था और राधा बिस्तर पर बेसुध पड़ी थी , बहुत बुलाने पर ,हिलाने - डुलाने पर जब राधा ने कोई प्रतिक्रिया नही की तो रश्मि का दिल धक-धक करने लगा , एक अनजानी शंका ने घेर लिया , और वो जल्दी से नीचे आई और महरोत्रा जी को जगाया और राधा के बारे में बताया ।

महरोत्रा जी ने उसी पल पुलिस को फोन कर के बुला लिया , पुलिस आई और लाश को पोस्टमार्टम के लिए लेजाया गया , लेकिन आज एक साल से राधा का केस ज्यूं का त्यूं है कोई नतीजा नहीं निकल पा रहा , राधा के मां- बाबा रोज़ शहर आ- आ कर थाने के चक्कर काट कर थक गए ,लेकिन कुछ पता नहीं चल रहा कि राधा ने आत्महत्या क्यों की ।

दो साल पहले राधा को उसके मामा गांव से लाए थे जो राजेश जी के शोरूम में काम करते थे , बोले .... साहब किसी काम पे रख लो , चार पैसे भी कमा लेगी , कुछ ढंग के तौर-तरीके भी सीख लेगी । तो राजेश जी ने बीवी से सलाह मशवरा करके उसे घर पर रख लिया । घर में वैसे तो दो - तीन नौकर थे ही , मगर ये भी घर का काम अच्छे से देख लेती थी , इसके आने से रश्मि को बहुत आराम मिला था , रश्मि का लगभग सारा काम राधा सम्भाल लेती थी ।

सुबह-सुबह रश्मि को चाय देना , फिर नाश्ते में मदद कराना , इस तरह से रश्मि को काफी सहारा मिल जाता था । अब रश्मि को आने - जाने की भी परेशानी नहीं रही , वो जानती थी उसके घर ना होने पर रश्मि सब संभाल लेगी ‌।

लेकिन इस समय रश्मि का भी चिंता से बुरा हाल था , उसे समझ नहीं आ रहा कि राधा की आत्महत्या का कारण क्या है , वो राजेश से रोज़ पुलिस से बात करने को कहती कि पुलिस किसी नतीजे पर क्यों नहीं पहुंच रही कि ये हत्या है या आत्महत्या , और क्यूं और कैसे ?

राजेश का बेटा साहिल भी अमेरिका से अब वापिस आ गया ,उस की शादी की चर्चा चल रही है , घर में अब राधा की जगह दूसरी नौकरानी शीतल रखी गई है , राधा वाला कमरा उसे दिया गया ।

साहिल की शादी तय हो गई , और धुमधाम से शादी हुई । साहिल हनीमून से लौट कर अपने पापा राजेश जी का बिजनेस संभाल लेता है , घर में दो सदस्य आने से घर की रौनक बढ़ गई है लेकिन रश्मि को चैन नहीं , रह - रह कर उसे राधा का ख्याल आता है , और एक दिन वो खुद पुलिस के पास जाती है , राधा के केस के बारे में जानने के लिए ।

 " इंस्पेक्टर , क्या अभी तक राधा के बारे में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे आप लोग , आखिर हुआ क्या था ? हत्या या आत्महत्या ? और क्यूं और कैसे हुआ ये सब ?

" मिसेज महरोत्रा आप बेवजह परेशान हो रही है , जब कुछ सुराग ही नहीं मिला तो हम क्या कर सकते हैं ।

निराश हो कर रश्मि घर वापिस आ जाती है ।

और एक दिन सुबह शीतल पुलिस को फोन कर के बुलाती है ,और पुलिस को राजेश जी को अरेस्ट करने को कहती हैं ।

मिसेज महरोत्रा.... शीतल ये सब क्या है , तुम्हारी इतनी हिम्मत कि तुम अपने देवता जैसे मालिक को अरेस्ट करने के लिए कह रही है । "

इंस्पेक्टर भी शीतल से .... तुम इस घर की नौकरानी हो और अपनी औकात में रहो , मालिक के बारे में बोलने से पहले कुछ तो सोचा होता ।

माफ़ किजिए महरोत्रा साहब इसने हमें झूठ से कह दिया कि आप ने बुलाया है , राधा के बारे में कुछ बात करनी है , हम आप का फोन भी ट्राई कर रहे थे , लेकिन आप कि फोन भी नहीं लग रहा था , इसलिए हम चले आए , शीतल जाओ और अपना काम करो ।

राजेश महरोत्रा अवाक् से ये सब देख - सुन रहे हैं , उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा कि ये सब क्या हो रहा है ।

शीतल अपना आई. कार्ड दिखाती है जिसे देख कर इंस्पेक्टर उसे सेल्यूट करता है , राजेश जी पूछते हैं कि ये सब क्या है , तब शीतल बताती है कि वो ही. आई. डी. इंस्पेक्टर है , और राधा केस की छानबीन करने आई है ।

इंस्पेक्टर... " लेकिन मैडम हमारे पास ऐसी कोई इंफॉर्मेशन नहीं थी ।

"" क्योंकि आप सब महरोत्रा जी के साथ हैं , हमें उपर से आर्डर था कि केस की छानबीन गुप्त तरीके से हो , और आप लोगों को किसी को भी कुछ नहीं बताना ।

"" तो मैडम क़ातिल कौन है ?

" राजेश महरोत्रा

इंस्पेक्टर और राजेश महरोत्रा दोनों अवाक से इंस्पेक्टर शीतल को देखते हैं ।

शीतल सारी कहानी बताती है ... कि राधा इनके घर पर अच्छे से काम कर रही थी , रश्मि उसे बेटी जैसे समझती थी , इसलिए कभी - कभी रश्मि को कहीं जाना होता तो राधा घर संभाल लेती थी , एक बार रश्मि का भाई बीमार था और रश्मि मिलने गई , उसे वहां तीन - चार दिन लग गए ।

पीछे से राधा और राजेश जी अकेले थे , रात को जब आने के बाद राधा अपने कमरे में जाकर सो गई तो अचानक राजेश जी को याद आया कि कल उन्हे किसी काम से सुबह जल्दी जाना है तो वो राधा को ये कहने उसके कमरे में गए कि सुबह जल्दी उठ कर नाश्ता बना दे , लेकिन जब वो कमरे में गए तो राधा गहरी नींद में थी और उसे इस तरह से सोया देख राजेश के अन्दर भी काम अंगड़ाई लेने लगा , और वो राधा के करीब लेट गया और उसे बाहों में भर लिया , मजबूत पकड़ में आने के कारण राधा की नींद टूटी , पहले तो उसने खुद को छुड़ाने की कोशिश की , मगर चढ़ती जवानी वो भी बहक गई और आत्मसमर्पण कर दिया , और दोनों बह गए काम के वेग में , दोनों को लत लग गई एक दूसरे की , जब भी मौका देखते काम पिपासा बुझा लेते , राधा के अन्दर एक जीव सांसे लेने लगा था , राजेश ने वादा किया था कि रश्मि को तलाक देकर ,उसे घर , पैसा , प्यार, सब देगा वो चहकने लगी थी और इसी चहक में वो एक गलती कर गई , पड़ोस की बाईं मीरा से उसकी अच्छी दोस्ती थी , और वो बातों- बातों में उसे बता गई ।

और एक दिन रश्मि मार्केट गई थी तो राधा ने राजेश को घर बुलाया और कुछ पेपर साइन करने को कहा , जिसमें उसकी प्रोपर्टी की आधी की उसका आने वाला बच्चा मालिक होगा , राजेश जी ने उसे कहा कल वो अपने वकील को बुला कर कोई ना कोई फैसला कर देंगे । मामला आर या पार कर देंगे , राधा बहुत खुश थी उस दिन, उसने मीरा को भी बताया ।

और रात को राजेश जी ने उसका गला घोंट कर मार डाला , किसी को कानों-कान खबर नहीं हुई ।

लेकिन मीरा ने अपनी मालकिन को सब बताया तो उन लोगों को शक हो गया और उन्होंने अपना शक ज़ाहिर किया , और पुलिस चोकन्नी हो गई , मैं सी. आई. डी. इंस्पेक्टर आपके घर में नोकरानी बन कर आई ताकि मैं घर में रह कर जानकारी हासिल कर सकूं , उपर वाले कमरे में से एक फोटो के पीछे मुझे एक डायरी मिली , जो राधा कभी कभी लिखती थी , उस दिन भी उसने उस डायरी में सब कुछ लिखा था , जिसमें उसने यह भी लिखा है कि आप कल मैडम को तलाक देकर उसे ओर उसके होने वाले बच्चे को जो आपके प्यार की निशानी है अपना लोगे । और उसी रात उसकी मौत , रिपोर्ट भी अपने गायब करवा दी , जो कि हमने डाक्टर से निकलवा ली है , जिसमें साफ ज़ाहिर है कि राधा प्रेगनेंट थी और उसका गला घोंट कर मारा गया , सारे सबूत राजेश जी के ख़िलाफ़ थे , अब उनकी पैसा खाई पुलिस भी कुछ नहीं कर सकती उन्हें राजेश जी को अरेस्ट करना ही था ।

0 likes

Published By

Prem Bajaj

prembajaj1

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.