क्या वो प्यार था

किसी को हासिल करना प्यार नहीं ।

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Prem Bajaj
Prem Bajaj 02 Oct, 2020 | 1 min read

 क्या वो प्यार था ?


विनय के आफिस जाने के बाद सुमन किचन का काम समाप्त करने जा रही थी कि अचानक डोरबेल बजी ।

 इस वक्त कौन हो सकता है, सुमन ने दरवाज़ा खोला तो सामने विकास को खड़ा पाया , विकास और विनय  एक ही आफिस में काम करते हैं ,और दोनों दोस्त भी हैं, और विकास और सुमन पहले एक ही कालिज में पढ़ते थे , इसी कारण कभी -कभी एक दूसरे के घर आना - जाना या कहीं बाहर पार्टी पर मिलना हो जाता था , लेकिन आज विकास आफिस टाईम में यहाँ कैसै हो सकता है ।

* अरे विकास तुम यहाँ आफिस नहीं गए क्या , विनय तो चले गए । 

*  हाँ .. जानता हूँ और मैने छुट्टी ली है आज इसिलिए तो इस समय आया हूँ । 

*हँसते हुए कहती है अरे ये क्या बात हुई , कुछ चोरी करने आए हो क्या ।

* हाँ आज चोरी ही करनी है ।

*अच्छा बताओ चाय पिओगे , और तुमने छुट्टी क्यों ली।

*बस एक पुराना काम निपटाना था इसलिए ।

* ओह ! सुमन ने चाय बनाई और दोनों पीने लगे , विकास अचानक सामने की सोफे से उठ कर सुमन के बगल में आकर सुमन के साथ सट कर बैठता है तो सुमन को अच्छा नहीं लगा और सुमन जैसे ही उठने लगती है विकास हाथ पकड़ लेता है और उसे अपनी ओर खींचता है ।

* यह क्या बत्तमीज़ी है , छोड़ दो मुझे , वरना मैं विनय से कह दूँगी । 

*तुम विनय को कुछ नहीं कह सकती, क्योंकि अगर तुमने विनय से कहा तो तुम्हे हमारे कालिज के प्यार के बारे में भी बताना होगा ।


दरअसल, सुमन और विकास कालिज मे एक दूसरे को चाहते थे , लेकिन इन दोनों ने ये फैसला भी किया था कि दोनों अपने माता -पिता के खि़लाफ नहीं जाऐंगे ।

और वही हुआ दोनों के माता - पिता को ये रिश्ता मँज़ूर नहीं था ज़ात-बिरादरी के चलते तो दोनों ने अपने रास्ते बदल दिए ।दोनों की शादी उनके माता - पिता की मर्जी से हो गई ।

एक दिन अचानक विनय की आफिस की पार्टी में विनय ने विकास से मिलवाया तो दोनों एक दूसरे को देखकर अचम्भित हुए बिना ना रहे , विनय सब देख रहा था लेकिन कुछ नहीं बोला लेकिन सुमन ने खुद ही घर आकर विनय को सारी बात बता दी ।


 विनय की नज़र में उन दोनों की इज़्ज़त और भी बढ़ गई । तब से अब तक सब कुछ बिलकुल सही जा रहा था , विकास और सुमन अच्छे दोस्त थे और विनय की मोजुदगी में ही मुलाकात होता ती थी ।


*बोलो बता पाओगी विनय को अपने पुराने प्यार की कहानी, उस वक्त मैंने गल्ती की लेकिन बहुत हुआ मैं नहीं रह सकता तुम्हारे बिना , बस सिर्फ एक बार ही सही तुम मेरी बन जाओ , बस कुछ पल मुझे अपने दे दो , मै इन्हीं पलों के सहारे पूरी ज़िन्दगी गुज़ार लूँगा और विकास उसे अपने अपनी बाँहो में ले लेता है ।


चटाक ! चटाक ! ना जाने सुमन में कैसी शक्ति आ जाती है और वो विकास को झटक कर दूर गिरा देती है । 

*तुम क्या समझते हो तुम्हारी इस धमकी से डर कर मैं तुम्हारी बात मान लूँगी , मैनें विनय को सब कुछ बता दिया था उसी दिन जब हम आफिस में पहली बार मिले थे , वो इतने अच्छे है कि उन्होंने मुझसे कुछ भी नहीं पूछा , लेकिन मैंने भी कुछ नहीं छिपाया । पहले वो तुम्हें सिर्फ अपना दोस्त कहते थे लेकिन हमारी कहानी सुन कर उनकी नज़र में तुम्हारी इज़्ज़त और बढ़ गई थी ।

 ...... और तुम जिसे प्यार कहते हो वो प्यार नहीं था , अगर प्यार होता तो आज तुम ये ओछी हरकत ना करते , प्यार हासिल करना नहीं देना होता है , प्यार पाना नहीं खोने का नाम है , कुर्बानी का नाम है , बलिदान का नाम है प्यार । ये तुम्हारी चाहत नहीं , हवस है... ख़्वाहिश है मुझे पाने की , मुझे हासिल करने की तुम इसे प्यार का नाम देकर प्यार को बदनाम कर रहे हो । ...


अब तक तो हम दोनों तुम्हारी इज़्ज़त करते थे , लेकिन नफरत है अब तुमसे और घिन्न आने लगी है मुझे अपने आप से कि कभी मैंने तुम जैसे इन्सान से प्यार किया था , तुम इस लायक थे ही नहीं कि कोई तुम्हें अपना कहे, तुमने एक बार भी ना हमारी दोस्ती का लिहाज किया और ना ही अपनी उस भोली और प्यारी सी पत्नि के बारे में सोचा , ...बेहतर होगा चुपचाप यहाँ से चले जाओ और आज ही अपना तबादला कहीं और करा लो , वरना मै अभी फोन अरके विनय को बुलाती हूँ ।


 विकास के अपने किए पर शर्मिन्दा था , चुपचाप उठ कर चला गया और दो दिन बाद विनय ने बताया कि अचानक विकास का टराँन्सफर आर्डर आ गया और विकास चला गया वो इतनी जल्दी में था कि किसी से मिल भी नहीं पाया । आज उसके जाने से सुमन को एक सकुन महसूस हुआ , वो सोच रही थी कि क्या वो प्यार था जो उसने विकास से किया या ये जो विनय ने उसे दिया ????


दोस्तो आप भी अपनी राय दें क्या वो प्यार था ??



मौलिक एवं स्वरचित

प्रेम बजाज, जगाधरी ( यमुनानगर )




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Prem Bajaj

prembajaj1

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Varsha Sharma · 4 years ago last edited 4 years ago

    Nice

  • Prem Bajaj · 4 years ago last edited 4 years ago

    Thx dear

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