तड़प रहे हैं तेरे इश्क में मगर तुम्हें पाने की बन्दिश है
ज़ज़्बे - पिनाह किसे दिखाएं , दिखाने की बन्दिश है ।
जाते- जाते छोड़ जाएं कोई निशानी प्यार की हम
मग़र मजबूर हैं हम नक्शपां बनाने की बन्दिश है ।
छुप - छुप कर आते हो सपनों में मेरे मिलने के लिए
ना आना उजाले में , सुकुते - सुबह में आने की बन्दिश है ।
यूं ना सरेआम घूमा करो जाने - जाना , रहा करो पर्दे में
क्योंकि सरेआम एहदे- शबाब दिखाने की बन्दिश है ।
राहें - शौक है इक आग का दरिया , रखना धीरे से कदम
इसमें , जुनूं की हद तक *प्रेम * को जाने की बन्दिश है ।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.