शादी से दो दिन पहले मोहित के पिता की मृत्यु के कारण पूजा और मोहित की शादी बिल्कुल सादे तरीके से मंदिर में की गई । पूजा को अच्छा नहीं लगा ये सब , उसके अंदर गुस्सा भरा था , दिमाग में खलबली मची थी , बात-बात पे झगड़ना , गुस्सा दिखाना ।
*पूजा तुम ऐसे क्यों करती हो , अचानक पिता जी के चले जाने से अगर शादी अच्छे से नहीं हो पाई तो क्या हुआ , हम फिर फंक्शन कर लेंगे ।
*तो इसमें मेरा क्या कसूर है ,मेरे सारे अरमान धरे के धरे रह गए , क्या-क्या सोचा था , पापा को भी अभी मरना था , 4 दिन बाद मर जाते ।
तड़ाक .... पूजा के चेहरे पर उंगलियों के निशान ,
*शर्म आनी चाहिए ऐसा बोलते हुए अगर मेरे पापा की जगह तुम्हारे पापा होते , तो क्या तब भी तुम यहीं कहती ?
दरअसल बचपन से ही उसके दिमाग में ऐसी विद्रोही बातों ने घर कर लिया था , सांझा परिवार था तो ताया के बच्चे को बड़े होने की वजह से कोई भी चीज़ हो इससे पहले और ज्यादा दी जाती थी , तब से इसके मन में कुंठा थी , यहां भी छोटी बहु बनी , लेकिन ये यहां पर अपना आधिपत्य चाहती थी । लेकिन मोहित बड़े भाई - भाभी का बहुत आदर करता था , ये बात उसे और ज्यादा खलती थी , सास को तो वो कुछ भी नहीं समझती थी , हर बात पर जवाब देना , जली- कटी सुनाना उसका हर वक्त का काम था ।
*मुझे नहीं रहना तुम्हारे पास मैं अपने घर जा रही हूं , अगर मेरे साथ रहना हो तो अपने परिवार से अलग होना होगा तुमको ।
*मैं ऐसा नहीं कर सकता , मैं तुम्हें छोड़ सकता हूं परिवार को नहीं । इस तरह से परिवार के प्रति उसके दिमाग में नफ़रत भरी थी । जैसे ही वो बैग उठा कर बाहर निकलने को होती है , मोहित के ताई जी आ जाते हैं , और सारी बात जानकर उसे समझाते हैं
*पूजा बेटा तुम दोनों अकेले रहोगे तो मोहित काम पर चला जाएगा और पीछे अगर तुम्हें कोई तकलीफ़ हुई तो कौन तुम्हारा ध्यान रखेगा , मोहित को तो काम से आते-आते भी 2-3घण्टे लग जाते हैं तब तक कौन होगा तुम्हारे पास , कल को जब तुम मां बनोगी कौन देखभाल करेगा , परिवार का मतलब भी यही होता है , दु:ख - सुख में एक दूसरे के साथ रहना , एक - दूसरे का साथ निभाना ,और शादी कोई दिखावा नहीं कि चार लोगों को दिखा नहीं सके ,ये तो मन के रिश्ते होते हैं , पवित्र बंधन होते हैं , सालगिरह पे पार्टी कर लेना ।
याद करो जब तुम्हारे भाई की शादी थी तुम्हारी दादी की मृत्यु हो गई ,क्या तब उन्हें भी ऐसा नहीं लगा होगा , अगर उस दिन तुम्हारी भाभी भी अपने घर चली जाती तब ??
पूजा वो अतीत की बातें याद करने लगी और अपने किए पर शर्मिन्दा होने लगी ।
तब उसने मोहित से माफी मांगी और वचन दिया कि वो हमेशा परिवार के साथ ही रहेगी ।
और सब परिवार खुशी से रहने लगा ।
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