कर के प्यार तुमसे यूँ तड़फेंगे सोचा ना था
मिलेगी सज़ा-ए-तन्हाई सोचा ना था ।
कहना तो चाहा मैंने तुमसे बहुत कुछ
पर ये जुबाँ छोड़ देगी साथ सोचा ना था ।
ये मेरी तन्हाई मेरा शौक़ नहीं ए दिलबर
ये सितम हम पे भी होगा सोचा ना था ।
चाँदनी बन कर बरसती रहती हैं यादें तेरी
तन्हाई में सुकुँ देंगी हमने सोचा ना था ।
माना कि कोई वास्ता नही तुम्हारा हमसे
तुम बिन कटेगा वक्त यूं तन्हा सोचा ना था ।
क्या कहूं जो हुआ करते थे जिंदगी हमारी
ज़िन्दगी से वो यूँ बिछड़ जाऐंगे सोचा ना था ।
कैसे कटेंगी ये तन्हा रातें तुम बिन ए जालिम
तनहाई की घड़ियां हो जाएंगी लम्बी सोचा ना था ।
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