तुम्हें तो फूलों से प्रेम है , काँटो की व्यथा तुम क्या जानो ।
सूँघी केवल गँध फूलों की , शूलों की व्यथा तुम क्या जानो ।
फूलों की पहरेदारी में बिता जीवन, शूलों से साख फूलों की तुम क्या जानो ।
मँजिल को पाना बस काम तुम्हारा, राहों की व्यथा तुम क्या जानो ।
तुम्हें चाहिए मुस्कराहट हर पल, आँसु की कहानी तुम क्या जानो ।
मँजिल मिलाने को रहती बेताब जो, वो राहे तरसे प्यार बिन तुम क्या जानो ।
तुमने सदा पूनम से प्रीत करी , अमावस की व्यथा तुम क्या जानो ।
तुमने सदा पूछा हाल खुशी में , कब होती है ग़मों की बरसात तुम क्या जानों ।
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