भूल

भूल

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Prem Bajaj
Prem Bajaj 24 Dec, 2020 | 1 min read

सब भूलने लगा हूं आजकल ,

बैठे-बैठे खोने लगा हूं आजकल,

तेरी याद सताती है इतना कि खुद-

से भी अनजान होने लगा हूं आजकल ।


तुमसे मोहब्बत कर के भूल की ,

तुम्हें दिल में बसा करके भूल की ,

भूलने लगा हूं अब तो खुद को भी -

तुम पे एतबार कर के भूल की ।


भूल से हो गई भूल, हमने ना जाना ,

भूल जाना उस भूल को ए जान-ए- जाना ,

भूलाना ना कभी भी हमें भूल कर तुम -

ग़र भूलाना तो फिर याद ना आना ।


प्रेम बजाज

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Prem Bajaj

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