ना जाने क्यूँ एहसास हो रहा है मुझे कि शायद तुझे मेरी याद आई हो । हाथों से अपने दिल को दबा के तुमने मुझे आवाज़ लगाई हो । तेरे दिल हलचल मेरे नाम की हो गई हो ,और आँखो में तस्वीर मेरी ढल गई हो । तेज़ हवा कान में कोई सरगोशी कर गई, दो बुँद से तेरी आँख फिर भर गई । तलब छोड़ दी मेरे दर्द ने अब मेरी, वो भी फिक्र तुम्हारी करने लगा है , दूर हो गए हम तो क्या, मोहब्बत तो कम नहीं हुई हमारी , देखो मेरा दर्द भी तुम्हारी तरह बेवफाई करने लगा है । अरमान कोई फिर मचला तुम्हारा, मेरा साथ पाने का , दीवानगी इससे
इंतजार तेरे आने का
इंतजार तेरे आने का
Originally published in hi
Prem Bajaj
09 Nov, 2020 | 1 min read
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