जब प्यार किसी से होता है , इक अजीब सा ख़ुमार होता है ।
मस्ती का आलम रहता है हर पल , दिल बेकरार होता है ।
होता है यार नकाब में फिर भी शौक़े - दीद रहती है हर पल
नज़रों से नज़रें मिलती हैं , आंखों में अश्क बेशुमार होता है ।
हर पल बेकरार रहती है ज़ुबां , करने को राज़ - ए- इश्क ब्यां
मगर इश्क वो बला है ज़ालिम कि ज़ुबां से ना इकरार होता है ।
सीने में होती है सरसराहट , हर पल महसूस होती है उनकी
आहट , झूमता है दिल नशे में ,जब इश्क बेशुमार होता है ।
सताती है *प्रेम * को हर पल यार की याद, तड़पती है रातों में
ना सुकुन मिलता है रातों में , ना दिन में ना करार होता है ।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.