होली

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prem bajaj
prem bajaj 28 Mar, 2021 | 1 min read




एक -दूजे को दो बधाईयां बांटो आज सब मिठाईयां ,

गुझिया खाओ, पियो भांग, बज रहा ढोल करो सब नाच ।

धूम मचाओ गलियों में लेकर रंग हरा,पीला, नीला , लाल ।

भर-भर कर लाओ पिचकारी, रंग दो सभी को चाहे साला हो या साली ।

किसी का मुंह है लाल-पीला किसी का देखो कुर्ता गीला ।

शोर मचाते यार सब, बच्चे भी करते हुड़दंग ।

मन में रखो नहीं चल -कपट, भेद सब मिटा दो झटपट ।

भुला के तुम दुश्मनी सारी , रंग डालो भर पिचकारी ।

भक्त प्रहलाद की याद है लाई, सब ने अवगुणों की होली जलाई ।

अनबन रहे ना किसी के अन्दर, साफ करो मन बनाओ प्रेम के मन्दिर।

हो कर के इक तन-मन-प्राण, दूरी सारी मिटा दो आज ।

 मिल कर आओ होली के बहाने , दुश्मन को हम गले लगालें ।



मौलिक एवं स्वरचित

प्रेम बजाज, जगाधरी ( यमुनानगर)

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