जीवन में विशेष स्थान रखता योग,
तन, मन और आत्मा को जोड़ता योग,
जब जुड़े तीनों हमें सुकून देता योग,
तंदुरुस्त हमारे जीवन को बनाता योग ।
तन के साथ मन को स्फूर्ति प्रदान करता योग,
अनेको बिमारियों का निवारण करता योग ,
ऋषि - मुनियों का अस्त्र - शस्त्र है योग ।
खुद से खुद का साक्षात्कार कराता योग,
तनाव को दूर भगाता, दुर्भावना मिटाता योग,
शुद्ध वायु शरीर को प्रदान कराता योग ,
निरोगी काया हमारी रखता है योग,
शरीर को पूर्ण ऑक्सीजन पहुंचता योग,
दिल-दिमाग को सज्जन बनाता योग,
विवेकी और बुद्धिमान बनाता है योग ,
बुढ़े को भी तो जवान बना देता योग ।
तन खिला-खिला , मन खिला - खिला सदा रहता है उसका ,
चेहरा सदा दमकता रहता उसका ,सेहत का राज़ बताता योग,
जीवन आनंदित बनाता योग, मनुष्य जीवन की खातिर शिव ने रचा योग,
भोर वेला में जो करता प्राणायाम और योग ।
रोगी के लिए औषधि का काम भी करता योग ।
प्रेम बजाज
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