विपरीतलिंगी आकर्षण

विपरीत सेक्स के प्रति आकर्षण स्वभाविक

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prem bajaj
prem bajaj 12 Mar, 2021 | 1 min read




विपरीत सेक्स के प्रति क्यों आकर्षण होता है, पुरुष और महिला एक दूसरे के प्रति क्यों आकर्षित होते हैं? चुहो पर किए गए एक शोध से पता चला है कि हाईपोथेल्मस में मौजूद न्यरान के कारण होता है, जो विपरीत सेक्स के प्रति आकर्षण पैदा करता है। और कभी-कभी इस हार्मोन की अधिकता के कारण इन्सान बीमार भी हो सकता है। इसका कारण यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया भी होती है।

तरूणाई, जनन क्षमता, आकर्षण और यौनाचार पर नियंत्रण एक अणु के द्वारा नियंत्रित होता है, जिसे किसपेप्टिन कहते हैं । किसपेप्टिन हार्मोन की वजह से स्त्री पुरुष एक -दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं और उन्हें सेक्स करने की इच्छा होती है। किसपेप्टिन नाम का हार्मोन इन्सान के दिमाग में पाया जाता है, एक रिसर्च से ये साबित हुआ है कि इस हार्मोन की अधिकता से इन्सान में साईकोसेक्सुअल डिसआर्डर यानि कामुकता का मनोविकार की प्राब्लम हो सकती है और जिसका इलाज कराना आवश्यक होता है।



 विकासवादी मनोविज्ञान जर्नल में प्रकाशित एक शोध में पता चला है कि जब बात अपने साथी की होती है तब 67% लोग ऐसे साथी की तलाश में होते हैं जिसका व्यक्तित्व हमारे जैसा हो और जिससे हमारे गुण मिलें। लेकिन कभी-कभी हम विपरीत गुणों की तरफ आकर्षित होते हैं। लेकिन ऐसे रिश्ते कब तक टिके कुछ कहना मुश्किल है। डेली मेल के मुताबिक, लवहनी सह-संस्थापक रिचर्ड लांगहर्स्ट ने कहा कि, "पुरूषों और महिलाओं की चाहत में फर्क होता है, पुरूषों और महिलाओं की यौनक्रीड़ा की इच्छा का समय भी अलग-अलग होता है। पुरुष दिन के समय और स्त्रियां रात के समय यौन संबंधों की इच्छुक होती हैं। महिलाएं उन पुरुषों की तरफ अधिक आकर्षित होती है जो ईमानदार और भावुक हों और उनके विचारों को समझते हों। लेकिन पुरूषों के मामले में ये कहना मुश्किल होति है कि उन्हें स्त्रियों में कौन से गुण अच्छे लगते हैं।

मगर टीन-एज में बहुत से बदलाव ऐसे होते हैं जिन्हें सहज स्वीकार्य नहीं होता, बहुत से शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक बदलाव होते है, जीवन का यह समय बहुत कन्फ्यूज करने वाला होता है। टीन-एजर्स के लिए की बार ये सहज नहीं होता, ओपोज़िट सेक्स के साथ क्म्यूनिकेट करने में सहजता महसूस नहीं होती। की टीन-एजर्स ओपोजिट सेक्स के प्रति रोमांटिक रिश्ते के बारे में सोचते हैं और की स्ट्रांग-फिलिंग या लगाव महसूस करते हैं। लेकिन ओपोजिट सेक्स की विभिन्न विषेशताओं को सीखने से कम्यूनिकेशन मे सुधार होता है। दृष्टिकोण खुलता है, व्यक्तित्व का विकास होता, सोशल लाइफ बढ़ती है।

डा० माधुरी द्विवेदी मेहेंडले के अनुसार, " नार्मल सोशल लाइफ के लिए ओपोजिट सेक्स के साथ अच्छे पारस्परिक संबंध का संचार और विकास आवश्यक है। एक दूसरे के अंतर और समानताओं को स्वीकार और सम्मान करने से अच्छा और समान रिलेशनशिप स्थापित होता है । तालमेल स्थापित करने और दोस्ती विकसित करने में सहायक होता है । किसी व्यक्ति से बात करने से पहले उसके स्वभाव को जानना जरुरी है, ओपोजिट सेक्स के साथ हेल्दी और अच्छा रिलेशनशिप बनाना चाहिए, तभी विकसित होंगे , स्वच्छ रिश्ते ।




मौलिक एवं स्वरचित

प्रेम बजाज, जगाधरी ( यमुनानगर)

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