क्या नारी को फैशनेबल कपड़े नहीं पहनने चाहिए ??

कपड़ों से ना आंके संस्कार

Originally published in hi
❤️ 0
💬 0
👁 1081
prem bajaj
prem bajaj 25 Mar, 2021 | 1 min read



हमारी संस्कृति और सभ्यता पूरे विश्व के लिए मिसाल है, लेकिन आजकल के नौजवानों को पाश्चात्य सभ्यता का रंग अत्याधिक चढ़ रहा है, देखा जाए तो इसमें कुछ ग़लत भी नहीं, अपनी मर्यादा में रहकर अगर हम पाश्चात्यता अपनाते हैं तो इसे गलत नहीं कहा जा सकता। जब हम रेडियो से ब्लैक एंड व्हाइट टैलिविज़न, फिर कलर्ड टैलिविज़न, उसके बाद एल. सी. डी. और मोबाइल, कम्प्यूटर इत्यादि को अपनाकर आधुनिकता को अपनाते हैं तो आधुनिक वस्त्रों को अपनाने में गुरेज़ क्यों??

माना कि लड़कियां आज आधुनिकता की होड़ में बहुत छोटे और तंग या डीप नैक, बैकलेस या कटी-फटी जींस पहनती हैं, तो क्या यही कारण है रेप होने का??

क्यों लड़की को ही अपनी मर्ज़ी से कपड़े पहनने का अधिकार नहीं, लड़के तो चाहे कुछ भी पहने या ना पहनें, चाहें तो सलमान, शाहरुख के जैसे शर्ट उतार कर घूमें, उन्हें कोई क्यूं नहीं टोकता?

अगर सचमुच अत्याधुनिक कपड़ों के कारण ही रेप होते हैं, तो लड़कियों को ऐसे कपड़े नहीं पहनने चाहिए। लेकिन कोई पूछे ऐसे सुझाव देने वालों से 4,6 महीने की मासूम बच्ची या 2,3 साल की मासूम बच्ची कौन से अत्याधुनिक या उत्तेजिक कपड़े पहनती हैं जो उन मासूमों को भी अपनी हवस का शिकार बनाया जाता है। जब किसी 60 साल की बुजुर्ग का रेप होता है तो क्या उसने उत्तेजक कपड़े पहने होते हैं??

फिर कपड़ों पर ही लांछन क्यों ?

जब हम अपनी बेटियों को पढ़ने या जाॅब के लिए विदेश तक अकेले भेजते हैं, क्या ये आधुनिकता नहीं, आज हमारे खाने के ढंग बदल गए हैं, खाने बदल गए हैं। जब हमारा खाना-पीना पाश्चात्य है तो कपड़ों में क्या ग़लत है, संस्कार अच्छे हों, नारी के प्रति मान-सम्मान हो, नर को नारी की गरिमा का आभास हो, अहसास हो, इज्ज़त हो मन में, फिर नारी कुछ भी पहने इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। प्राचीन काल को लिया जाए, हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, और खजुराहो की तस्वीर देखी जाए तो क्या उनका तन पूरी तरह से ढका हुआ है । क्या तब किसी मासूम को इस तरह अपनी हवस का शिकार बनाया जाता था।

खराबी कपड़ों में नहीं इन्सान की नज़र में है, इन्सान की फितरत में है, इन्सान की नियत में है, इन्सान की सोच में है।

      #सोच बदलो, समाज बदलो

       समाज से ही देश बदलेगा।


प्रेम बजाज

0 likes

Support prem bajaj

Please login to support the author.

Published By

prem bajaj

prembajaj

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.