जांबाज लड़ाकू विमान पायलट
वैसे तो हिन्दुस्तान में बहुत सी महिलाओं ने अपनी कामयाबी का परचम लहराया जैसे मदर टैरेसा, श्री मती इन्दिरा गांधी, कल्पना चावला और राबड़ी देवी । ऐसे ही तीन जांबाज हमारी महिलाएं लड़ाकू विमान पायलट हैं जिन्होंने अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखवाया ।
मोहना सिंह, अवनी चतुर्वेदी और भावना कंठ ये तीन फाइटर पायलट हैं, आज से लगभग 5 साल पहले 18 जून 2016को इन तीन बेटियों ने इतिहास रचा। भारत की इस ऐतिहासिक उपलब्धि में राजस्थान, मध्य प्रदेश, और बिहार भागीदार बना क्योंकि ये तीनों बेटियां इन्हीं राज्यों से ताल्लुक रखती है। 18 जून 2016 को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने हैदराबाद के हकीमपेट में स्थित एयरफोर्स अकादमी में शनिवार को पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया और देश के नभ को सुरक्षित रखने का जिम्मा इन तीनों को सोंपा ।
मोहना सिंह के पिता वायुसेना में ही कार्यरत थे, भावना कंठ ने एम.एस.कालिज बैंगलुरू से बी. ई. इलेक्ट्रॉनिक और तीसरी अवनी चतुर्वेदी ने राजस्थान के टांक जिले में वनस्थली विद्यापीठ से कम्प्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की। इन तीनों ने मार्च में लड़ाकू विमान उड़ाने की योग्यता हासिल की । अब तक वायुसेना में पंद्रह सौ महिलाएं अलग-अलग विभागों में कार्यरत हैं और 1991 से ही महिलाएं हैलीकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ा रही है, मगर फाइटर प्लेन से दूर थे,और अब तक कोई भी महिला विमान की काॅकपिट में नहीं बैठी थी, ये पहला मौका था जब कोई महिला विमान की काॅकपिट में बैठी। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर इन तीनों को फाईटर प्लेन की ट्रेनिंग का एलान किया गया था। और इनकी एक साल की एडवांस ट्रेनिंग कर्नाटक के डीलर में हुई। भावना कंठ का बचपन से ही यही सपना था कि वो लड़ाकू विमान की पायलट बनें, *और जहां चाह वहां राह*! महिला और पुरुष में कोई विशेष अंतर नहीं होता, दोनों में एक ही क्षमता और हुनर होता है, अगर ज़ज्बा है तो क्या बेटी और क्या बेटा !, बेटी किसी से कम नहीं, #म्हारी छोरी भी देश की आन-बान और शान है।
जय हिन्द जय भारत 🙏🏻
प्रेम बजाज, जगाधरी ( यमुनानगर)
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