prem bajaj
10 Apr, 2022
कैसा ज़माना
आया है कैसा ज़माना, ना रही शर्मो हया,ना रही लियाकत,
कभी बच्चे कुछ बोलने से पहले सोचा करते थे,
आज मां-बाप को बोलने से पहले लेनी पड़ती है बच्चों की इज़ाजत
Paperwiff
by prembajaj
10 Apr, 2022
ज़माना
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