prem bajaj
prem bajaj 11 Apr, 2022
छल
वो छलते रहे मुझे मासूम बन कर, बैठ कर पास मेरे रकीबों से नैन लड़ाते रहे, हम नासमझ उनकी हरकत को अदा समझ मुस्कुराते रहे, जब हुआ सीने में दर्द तो जाना कि वो नमक हमारे ज़ख्मों पर लगाते रहे।

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by prembajaj

11 Apr, 2022

छल

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