prem bajaj
10 Apr, 2022
पैसा मैल हाथ की
पैसा तो है मैल हाथ की, फिर किस बात का ग़रूर है,
भव्यता तो राजाओं-महराजाओं की भी नहीं रही,
मिट्टी से आया मिट्टी में मिल जाना, मेरी-मेरी फ़िज़ूल है।
Paperwiff
by prembajaj
10 Apr, 2022
पैसा
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